क्यों और क्या होती हैं स्त्रियों (महिलाओं) में छोटे या बड़े स्तनों (छाती/वक्षस्थल/सीने) की समस्या–

प्रिय पाठकों, शरीर का वो महत्वपूर्ण अंग, जिसकी वजह से एक महिला और एक पुरुष के बीच का फर्क पता चलता है, स्तन होता है.क्योंकि हर महिला शारीरिक गुणों और व्यक्तित्व के लिहाज से काफी अलग अलग होती हैं., अतः उनके स्तनों का आकार भी काफी भिन्न होता है.कई महिलाएं, जिनके स्तन वक्ष काफी छोटे होते हैं, अपने स्तनों को बड़ा और भरापूरा दिखाना चाहती हैं.परन्तु इसका उलटा होना भी मुमकिन है.अपने स्तनों के आकार में वृद्धि करने के लिए कई महिलाएं शल्य क्रिया का भी सहारा लेती हैं.हर महिला शल्य क्रिया के पक्ष में नहीं होती, क्योंकि इसके कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं और भविष्य में आपके लिए कई प्रकार की समस्याएं खड़ी हो सकती हैं.स्तनों को बड़ा करना अब शल्य क्रिया के बिना भी संभव है.

स्त्री के सबसे महत्तवपूर्ण अंग हैं स्तन। ये न केवल सौंदर्य की अनुभूति करते हैं , बल्कि प्रसव के बाद मातृत्व की भावना भी इन्हीं से फूटती है। 
भरे भरे, सुढृढ़, गोल और पुष्ट स्तन(छाती/वक्षस्थल/सीने) जहाँ स्त्री की सुन्दरता में चार चाँद लगा देते हैं वहीं छोटे और अविकसित स्तन नारी के सौंदर्य को ग्रहण लगा देते हैं | स्त्री कितने भी सुन्दर और मँहगे वस्त्र क्यों न पहन ले, कितने भी सोने और हीरे के आभूषण क्यों न लाद ले, अच्छी तरह से विकसित स्तनों के बिना उसका सौंदर्य अधूरा ही रहता है | जहां गोरी से गोरी स्त्री भी इसके अभाव में अपना आकर्षण खो देती है वहीं सांवली स्त्री भी अपने भरे पूरे वक्ष से पुरुषों को अपने मोहपाश में बाँध लेती है | बड़े स्तन वक्ष मर्दों को काफी आकर्षित करते हैं परन्तु यही स्तन एक महिला के लिए काफी समस्या और शर्म का विषय बन जाते हैं.अगर आप प्लस साइज की हैं तो आपको देखने वालों की छींटाकशी का सामना करना पड़ेगा और काफी बेइज़्ज़ती महसूस होगी.अगर आप भी ऐसी ही समस्या की शिकार है तो इस समस्या को दूर करने का समय आ गया है जिसकी वजह से पीठ ,गले एवं कंधों में हमेशा दर्द रहता है और जिसकी वजह से आप शर्मिंदगी महसूस करती हैं.

जब लड़कियाँ अपने बचपन से युवावस्था की तरफ अपने कदम बढाती है तो जहाँ वह अपने विकसित हो रहे स्तन(छाती/वक्षस्थल/सीने) को छुपाने की कोशिश करती हैं वहीं उनपर नाज़ भी करती हैं | जिन युवतियों का वक्ष किसी कारण से विकसित नहीं हो पाता है उनका आत्मविश्वास धीरे धीरे खोने लगता है और वे निराशा की खाई में खोने लगती हैं | इस समस्या के कारण कई युवतियों की शादी तक में समस्या आती है |

जहां अविकसित स्तन(छाती/वक्षस्थल/सीने) नारी के स्वाभिमान और आत्मविश्वास को खाए जाती है वहीं पुरुषों को भी ऐसी स्त्रियों के साथ सेक्स करने में आनन्द नहीं आता है |
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स्तन(छाती/वक्षस्थल/सीने) की शुरुवात-

स्तन किशोरावस्था के दौरान बढ़ना शुरू करते हैं। इसकी शुरुवात 8 साल की उम्र से भी शुरू हो जाती हैं, लेकिन .. साल तक शायद ये बहुत ना बढ़े। स्तन .1 साल की उम्र तक बढते रहते हैं, और यह उम्र भर थोडे छोटे या बढ़े भी होते रह सकते हैं। हर शरीर अलग अलग रफ़्तार से बढ़ता है, तो आप चिंतित मत होइये अगर आपको लगे की आपके स्तन आपके दोस्तों के बजाये कम या ज्यादा बढ़ रहे हों। 

अधिकतर, स्तन असमान साइज़ और आकार के होते हैं। 2. साल की उम्र के आसपास, यह फर्क खतम हो जाता है,  हालाँकि इस उम्र के बाद भी अलग अलग आकार और साइज़ के स्तन होना कोई अजीब बात नहीं है. तो इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं है।

स्तन(छाती/वक्षस्थल/सीने) का आकर (साइज़) निर्धारित कैसे होता है?

आपके स्तन का साइज़ और आकार आपके जींस   से निर्धारित होता है, और कुछ हद तक, इन स्तनों के आकार उसके आसपास के मासपेशियों से भी प्रभावित होता है। आप यह भी देखते होंगे की आपके वजन के बढने और घटने की वजह से भी आपके स्तन बडे और छोटे होते हैं। 

आपके स्तन का साइज़ महीने पर भी निर्धारित हो सकता है: हर महीने, आपके हारमोंस आपके स्तनों को गर्भधारण के लिए तैयार करते हैं। महीने के कुछ दिन वो थोडे बडे और ज्यादा संवेदनशील भी हो जाते हैं। और फिर माहवारी ख़त्म होने के बाद, वो अपने असल साइज़ और आकार में आ जाते हैं। और हाँ, आपके स्तन के साइज़ पर आपकी गर्भनिरोधन गोलियों का भी असर हो सकता है। 
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क्या स्तन(छाती/वक्षस्थल/सीने) के साइज़ से फ़र्क पड़ता है?

बहुत सारी महिलाएं और लड़कियां अपने स्तन साइज़ के बारे में बहुत चिंता करती हैं, यह सोचकर की वो या तो बहुत बडे हैं या बहुत छोटे। और कुछ लड़कियों को इसके लिए चिढ़ाया भी जाता है।

शारीरिक और जीव विज्ञानं सम्बन्धी बात करे तो साइज़ से वाकई कोई फ़र्क नहीं पड़ता। आपके स्तन के साइज़ और आकार से उनके ज़्यादा संवेदनशील होने का कोई लेना-देना नहीं है। और यह बहुत ही दकियानुस सोच हैं की लड़कों को बडे स्तन ही अच्छे लगते हैं – अरे हर लडके की अपनी  पसंद होती है। 

अगर आप वाकई अपने स्तन का साइज़ बदलना चाहते हैं, तो ध्यान रखे की ऐसा कोई प्रूफ नहीं है जो ये निर्धारित कर सके की किसी तरह की कसरत, करें के इस्तेमाल या स्प्रे से आपके स्तन बड़े हो सकते हैं। स्तन के साइज़ को बदलने का केवल एक ही तरीका है और वो है प्लास्टिक सर्जरी। और अगर आपको लगता है की आपके स्तन बहुत ही ज़्यादा बड़े हैं, इतने बड़े की आपको पीठ में दर्द जैसी दिकत भी होती है, तो भी सर्जरी के ज़रिये आप इन्हें छोटा करवा सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे, ये सर्जरी काफी बड़ी और महंगी होती है और इसके बारे में सोच समझकर ही फैसला लें। 

स्तनाग्र (निपल) के बारे में सब कुछ—-

स्तन की तरह, स्तनाग्र  भी, साइज़ और रंग में अलग अलग होते हैं। ये महिला शरीर का सबसे संवेदनशील भाग भी होता है। जब कोई महिला या लड़की उत्तेजित होती है, उनके स्तनाग्र तन जाते हैं और खडे हो जाते हैं (लेकिंग ये तब भी हो सकता है जब उसको ठण्ड लगे!) अधिकतर स्तनाग्र के आसपास बाल भी उग जाते हैं – और अगर आप उन्हें चिमटी से निकालना चाहते हैं तो वो आप कर सकते हैं। 

और हाँ स्तनाग्र से द्रव निकालना भी नार्मल हैं। आपके स्तन अलग अलग मात्रा में जीवन भर द्रव बनाते हैं। आपको चिंतित तभी होना चाहिए अगर यह द्रव लाल, गुलाबी या भूरे  रंग का हो; और लगातार ही बह्ता रहे (अगर आप गर्भवती हैं तो बात अलग है)। आप बिना देरी करे अपने डॉक्टर से संपर्क करे।

ओर्गस्मिक स्तन—

स्तन शरीर का बहुत ही संवेदनशील हिस्सा होते हैं और बहुत सारी महिलाएं अपने साथी द्वारा इनको छुना, चीभ से चाटना, डाट से काटना बहुत अच्छा लगता है और कमोतेजित करता है। इसका कारण है की स्तन का योनि तक तांत्रिक प्रभाव होता है जो की दिमाग के उस भाग तक जुड़ता है जो ओर्गास्म के लिए काम करता है।

इसलिए महिला के स्तनाग्र को छुना या चूमना उन्हें बहुत आनंदायक महसूस करता है – इसका असर कई बार इतना हो सकता है की महिला को ओर्गास्म/चरमानंद भी दे सकता है!
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जानिए क्यों रहती हैं अधिकतर महिलाएं छोटे या बड़े स्तनों (छाती/वक्षस्थल/सीने) की समस्या को लेकर परेशान ?? 

आइए जानें इनसे जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में-

क्या होता हैं कारण ??

इसका कारण हॉर्मोन्स में गड़बड़ी होना, अनियमित मासिक धर्म, आनुवांशिकता, कुपोषण, लंबी बीमारी, आर्थिक समस्या, परदे में रहना, भय, अत्यधिक शारीरिक श्रम, कम उम्र में शादी हो जाना आदि कारणों से स्तन छोटे रह जाते हैं। वहीं अधिक सेक्स चिंतन, अश्लील पुस्तकें पढ़ना, अश्लील फिल्में देखना छोटी उम्र में शारीरिक संबंध स्थापित कर लेना आदि कारणों से स्तन बड़े हो जाते हैं।

इस समस्या का सबसे प्रमुख कारण पोषण संबंधी गड़बड़ी होता है | जब लडकी बचपन से युवावस्था की तरफ कदम बढाती है तो यह समय शारीरिक विकास की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण होता है | इस समय शरीर को भरपूर पोषण की आवश्यकता होती है | अगर इस समय वह अपने खान पान पर ध्यान नहीं देती है और उसके शरीर को पूर्ण पोषण नहीं मिलता है तो उसका शारीरिक विकास अपूर्ण रह जाता है | इसी अपूर्णता के कारण कई युवतियों का वक्ष अपना स्वाभाविक आकार नहीं ले पाता है | 

दूसरा सबसे प्रमुख कारण होर्मोनों की कमी और असंतुलन होता है | होर्मोनों की कमी भी पोषण में कमी के कारण ही होती है | होर्मोनों की कमी और असंतुलन का एक प्रमुख कारण मानसिक विषाद भी होता है | युवावस्था की दहलीज़ पर कदम रखते वक्त अगर युवती का पारिवारिक माहौल ठीक नहीं होता है, उसे अपने संबंधी और परिजनों से डांट फटकार और तिरस्कार मिलता है तो वह मानसिक विषाद की अवस्था में चली जाती है और यह हॉर्मोन असंतुलन का सबसे प्रमुख कारण है |

आनुवंशिक कारणों से भी स्त्री के स्तनों का आकार छोटा होता है किन्तु व्यवहार में ऐसा देखा जाता है कि बहुत ही कम स्त्रियों के अविकसित वक्ष का मूल कारण आनुवंशिक होता है | 


स्तनपान की सही वैज्ञानिक विधि की जानकारी न होने पर शिशु को गलत तरीके स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्तनों का आकार भी बिगड़ जाता है और स्तन ढीले होकर लटक जाते हैं। ब्रा का चयन गलत होने पर भी स्तन के आकार-प्रकार पर प्रभाव पड़ता है। स्तन के निपल के आस-पास का भाग श्याम रंग की संवेदनशील त्वचा से ढका होता है। उचित देखभाल के अभाव में इस हिस्से पर मृत कोशिकाएं एकत्रित हो जाती हैं, जिसकी वजह से यहां की त्वचा कड़ी और खुरदरी हो जाती है और स्तनों का सारा सौंदर्य नष्ट हो जाता है।
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विशेष रूप से घ्यान दें—-
स्तन छोटे रह जाने पर उन्हें बड़ा करने के लिए विटामिन युक्त संतुलित पौष्टिक आहार लें।
तैरना, रस्सी कूटना, रॉड पकड़कर झूलना स्तन के संतुलित विकास के लिए व्यायाम है।
सही नाप की ब्रा पहनें। ब्रा न अधिक ढीली हो न ही अधिक कसी हुई हो।
गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि वे सही नाप से एक नंबर बड़े आकार की ब्रा पहनें।
रात को सोते समय ब्रा को अवश्य उतार दें ताकि स्तन दिन भर के कसाव से मुक्त हो सकें।
नायलॉन या टेरीकॉट की ब्रा पहनने से बचें। इससे स्तनों पर संक्रमण होने का खतरा रहता है। हमेशा सूती कपड़े की ब्रा ही पहनें।
गहरे व काले रंग की ब्रा न पहनें। इससे कैंसर होने की संभावना रहती है।
शिशु को स्तनपान कराते समय उसके सिर को हथेली पर रख लें, जिससे स्तन पर खिंचाव न पड़े।
स्तन को दबा-दबाकर दूध निकालकर न पिलाएं। इससे स्तन ढीले हो जाते हैं।
शिशु को दूध पिलाने के बाद निपल को पानी से धो लें, जिससे किसी प्रकार का संक्रमण होने का डर न रहे।
स्तनों को दबाकर स्वयं जांच करती रहें कि कोई गांठ तो नहीं उभर रही है। यदि गांठ दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
स्तनों के आकार-प्रकार और रंग में तेजी से कोई परिवर्तन दिखाई देने पर भी तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
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स्तन(छाती/वक्षस्थल/सीने) के सौंदर्य के उपाय—

स्तनों पर ठंडे पानी की बौछारें दें। इससे स्तनों की कोशिकाओं में रक्त संचार अच्छी तरह होगा और स्तनों का विकास सही ढंग से होगा।
स्तनों को गुनगुने पानी से धोएं। इसके तुरंत बाद ठंडे पानी से धोएं। ऎसा पांच-छह बार करें। तापमान के जल्दी से बदलने से स्तनों की कोशिकाओं में तेजी से रक्त संचार होता है और स्तन विकसित होते हैं।

रात्रि में सोते समय बादाम या जैतून के तेल की स्तनों पर गोल-गोल घुमाकर मालिश करें। बादाम या जैतून के तेल में पाए जाने वाल तžव विटामिन ए, ई, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम और एमिनो एसिड स्तनों को पुष्ट बनाते हैं। उनका विकास करते हैं और स्तनों की त्वचा को सुंदर व मुलायम बनाए रखते हैं।

दो चम्मच भैंस के गाढ़े दूध में एक चम्मच बादाम का तेल मिलाकर अच्छी तरह फेंट लें। इससे स्तनों की मालिश करें। मालिश उंगलियों के पोरों से बहुत धीरे-धीरे गोलाई में नीचे से ऊपर की ओर उंगलियां घुमाते हुए करें।
निपल के पास की त्वचा कड़ी व खुरदरी हो जाने पर एक चम्मच गुड़, आधा चम्मच मलाई, आधा चम्मच जैतूून का तेल और गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को कड़ी और खुरदरी त्वचा पर लगाएं। सूख जाने पर ठंडे पानी से धो लें। यह उपचार सप्ताह में दो बार करें। यह पेस्ट निपल के आस-पास जमी मृत कोशिकाओं को आसानी से निकालकर खुरदरापन दूर कर देता है और त्वचा मुलायम व खुबसूरत बनाता है।

किसी-किसी महिला के स्तनों के निपल अंदर की ओर रह जाते हैं। ऎसी स्थिति में प्लास्टिक की एक बोतल में गरम पानी भरें। फिर इसे खाली कर दें। बोतल में भाप रह जाएगी। अब बोतल के मुंह में निपल को डालकर, बोतल को इस तरह से दबाकर रखें, जिससे बाहर की हवा अंदर न जा सके। जैसे-जैसे बोतल की भाप ठंडी होती जाएगी, वैसे-वैसे निपल बाहर की ओर खिंचता जाएगा। बोतल ठंडी होने पर हटा दें। पांच-छह बार ऎसा करें। यह उपाय नियमित करने से अंदर की ओर धंसे निपल बाहर निकल आते हैं।
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स्तन(छाती/वक्षस्थल/सीने) को कम करने के उपाय – एरोबिक्स

अनेक महिलाओं या लड़कियों को बड़े स्तन होने की वजह से अपने मनपसंद कपडे पहन पाने में प्रॉब्लम होती हैं  और खरीदारी करना उनके लिए काफी समस्या का विषय बन जाता है.बड़े स्तनों का आपकी नींद पर भी काफी असर पड़ता है और यह आपके शरीर को देखने में भी भद्दा बना देता है.अगर आप अपने स्तन का आकार कम करने, स्तनों को छोटे करने के तरीके ढूंढ रही हैं तो इस लेख को आगे पढ़िए.इसमें कुछ ऐसे प्राकृतिक नुस्खे दिए गए हैं जो घर बैठे आपके स्तनों के आकर को छोटा करने में मदद करेंगे.

आप अब एरोबिक्स का व्यायाम जारी रखते हुए अपने सामान्य से ज्यादा बड़े स्तनों का आकार काफी कम कर सकती हैं.इनमें से कुछ क्रीडाएं हैं साइकिलिंग (cycling), दौड़, बाइकिंग , रस्सी कूद आदि.इन एरोबिक्स के व्यायामों को 20 मिनट तक करना जारी रखें और आप आसानी से काफी मात्रा में अपने स्तनों की कोशिकाओं और चर्बीयुक्त परत को कम कर सकती हैं.इन व्यायामों को रोजाना अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें और अपने स्तनों / वक्षों के आकार में आये फर्क को खुद ही महसूस करें.शरीर के इस हिस्से से अतिरिक्त चर्बी को पिघलाना काफी आसान कार्य सिद्ध होता है, बशर्ते आप इसके लिए ज़रूरी उपायों का पालन पूरी निष्ठा और दृढ़ संकल्प के साथ कर सकें.

—ब्रेस्ट साइज – स्तनों का आकार कम करने के लिए गोलियां – इस तरह के हर्बल स्तन छोटे करने के उत्पाद काफी सुरक्षित होते हैं.इन गोलियों का बड़े स्तनों वाली महिलाओं पर काफी अच्छा असर देखने को मिलता है.ये गोलियां ज़्यादा महँगी नहीं होती,इनके भी नहीं होते और ये आसानी से स्तनों का आकार छोटा कर देती हैं.
—छाती कम करने के उपाय – स्तनों के उत्पाद एवं लोशन – स्तन घटाने का यह एक और जाना माना उपाय है.ये लोशन्स या क्रीम्स आपके स्तनों का आकार घटाने में काफी मदद करते हैं.बस इस लोशन या क्रीम को अपने स्तनों पर अच्छे से लगाएं और अच्छे और सुन्दर आकार के स्तन पाएं.
—ब्रेस्ट कम करने के उपाय – सही फिटिंग वाली ब्रा – बड़े स्तनों वाली महिलाओं को अनोखे मिनिमाइज़िंग ब्रा पहनने चाहिए.ये ब्रा आपके स्तनों को अच्छे से ढककर उनके छोटे होने का अहसास देती है.ये ब्रा आपके बड़े स्तनों में एक कप साइज तक का बदलाव प्रदर्शित करती है.
—-स्तन(छाती/वक्षस्थल/सीने)  कम करने के लिए कसरत – स्तन कम करने के लिए कई तरह की कसरतें होती हैं.इन कसरतों को रोज़ाना करने से आपका शरीर सुन्दर दिखता है और स्तनों के आकार में भी काफी परिवर्तन आता है.आप ह्रदय को गति देने वाली कार्डिओ वैस्कुलर कसरतें कर सकती हैं जैसे बोटिंग,सैर करना,तेज़ी से चलना,वर्क आउट एवं साइकिल चलाना.
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अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय—

स्तन(छाती/वक्षस्थल/सीने) घटाने के आयुर्वेदिक उपाय—

स्त्री की सुन्दरता को बढ़ाने के लिए उनके स्तन बहुत अहम भूमिका निभाते है. इसलिए उनका ज्यादा बड़ा होना, ज्यादा छोटे होना या आकार में ना होना इनकी खूबसूरती को कम कर सकता है. इसलिए इनका सुन्दर पुष्ट और आकर्षक होना बहुत ज्यादा जरूरी है ताकि नारी सौन्दर्य बना रहें. वैसे तो ज्यादातर स्त्रियाँ अपने स्तनों को बढाना चाहती है किन्तु कुछ स्त्रियाँ ऐसी भी है जो अपने बढे हुए स्तनों से परेशान होती है और उन्हें कम करना चाहती है. साथ ही स्त्री के बड़े स्तन उनके स्वास्थ्य को भी हानि पहुंचा सकते है जैसेकि कमर दर्द, गर्दन दर्द, सांस लेने में दिक्कत और थकान इत्यादि. आज हम आपको कुछ ऐसे आयुर्वेदिक तरीके बता रहे है जो आपके स्तन के आकार को कम करने में आपके लिए काफी सहायक होते है.

स्तन(छाती/वक्षस्थल/सीने)  घटाने के उपाय :—


अदरक ( Ginger ) :—

अदरक शरीर की चर्बी को कम करने में बहुत मददगार होती है इसीलिए इसका इस्तेमाल बहुत सारी दवाओं में होता है. ये शरीर के मेटाबोलिक स्तर को कम करके स्तनों के साइज़ को कम करने के साथ साथ उनको सही आकर भी देता है. इसके अलावा ये स्तनों में मांस को बनाने वाली कोशिकाओं को भी खत्म करता है जिससे स्तन का साइज़ नही बढ़ता. इसके इस्तेमाल के लिए आप नीचे दिए तरीके को अपनायें –

स्टेप 1 : सबसे पहले आप कुछ अदरक के टुकडें ले ( लगभग 1 चम्मच ) और उसे थोडा सा पीस लें.

स्टेप 2 : अब आप उसे 1 कप पानी में डालें और उबाल लें. इसके उबल जाने के बाद आप उसमे थोडा सा शहद भी मिला लें.

स्टेप 3 : आपका मिश्रण तैयार है तो आप इसका आनंद लें. आप इस उपाय को प्रतिदिन 2 से 3 बार जरुर करें.

नीम और हल्दी द्वारा ( Neem or Turmeric ) :—

शिशु के स्तनपान की वजह से भी स्त्रियों के स्तन बड़े हो जाते है जिनकी वजह से उनकी सुन्दरता में कमी आ जाती है, किन्तु बच्चे को स्तनपान करना भी बहुत जरूरी है क्योकि वो बच्चे के लिए उसका जीवन होता है. तो बच्चे के स्तनपान छोड़ने के बाद स्त्री नीम और हल्दी की मदद से अपने स्तन के बढे हुए आकार को कम कर सकती है. नीम और हल्दी दोनों में एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज ( Anti Inflammatory Properties ) होती है |

स्तन(छाती/वक्षस्थल/सीने) घटाने के कुछ अन्य आयुर्वेदिक उपाय —

इसको इस्तेमाल करने के लिए आप सबसे पहले 4 कप पानी में कुछ नीम की पत्ती डालें और उसे कुछ देर के लिए उबलने दें. इसके बाद आप इसे छान लें. अब आप इसमें 2 चम्मच हल्दी के और कुछ मात्रा में शहद को मिला लें. इस तरह से आपका एक काढ़ा तैयार हो जाता है. आप इस पानी को प्रतिदिन 1 महीने तक पियें. आपको जल्दी ही अपने स्तनों के आकार में फर्क दिखाई देगा. 

हरी चाय ( Green Tea ) :—

क्योकि स्तन के आकार को कम करने के लिए पुरे शरीर का वजन कम करना पड़ता है तो इसके लिए आप ग्रीन टी का भी इस्तेमाल कर सकते है क्योकि हरी चाय वजन कम करने के लिए एक बेहतरीन उपाय मानी जाती है. इसके अंदर पाया जाने वाला Catechins शरीर की अधिक कैलोरी और वसा को घटाता है. इसके साथ ही ग्रीन टी पीने से स्तन कैंसर से भी छुटकारा मिल जाता है. ग्रीन टी के इतने फायदो को पाने के लिए आप इसे निम्न विधि से बनायें.

स्टेप 1: आप एक कप पानी को गर्म कर लें. ध्यान रहे कि आप इसे उबालें नही. अब आप इसमें 1 चम्मच ग्रीन टी की पत्तियां मिला लें.
स्टेप 2 : इसके बाद आप इसे कुछ देर के लिए ढक कर रख दें ताकि पत्ती अपना रंग और स्वाद चाय में छोड़ सके.
स्टेप 3 : कुछ देर बाद आप इसे थोडा सा मिलायें और अपने स्वादानुसार शहद भी मिला लें. 
स्टेप 4 : अब आप इसका आनंद उठायें. इस तरह आप दिन में 2 से 3 कप ग्रीन टी जरुर पियें. इससे जल ही आपको आपके स्तनों के आकर में फर्क दिखाई देने लगेगा.  

अलसी ( Flax Seed ) :—

शरीर में एस्ट्रोजन ( Estrogen ) की मात्रा अधिक होने से भी स्तनों का आकर बढ़ने लगता है इसलिए स्तन के आकार को बढ़ने से रोकने के लिए इसको कम करने की जरूरत है और इस कार्य के लिए अलसी से अच्छा कुछ भी नही. अलसी में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है. बढ़ते एस्ट्रोजन की मात्रा को नियंत्रित रखता है. इसके साथ ही अलसी शरीर से जहरीले पदार्थो को भी बाहर निकलता है. जिससे शरीर में किसी भी तरह का कोई रोग नही होता. इसके सेवन के लिए आप निम्नलिखित क़दमों को अपनायें.

स्टेप 1 : सबसे पहले आप एक ग्लास पानी को अच्छी तरह गर्म कर लें. अब आप उसे थोडा ठंडा होने के लिए छोड़ दें.
स्टेप 2 : जब वो गुनगुना हो जाएँ तो आप उसमे एक चम्मच अलसी मिला दें. अब आप इस पानी को पी जाएँ.
स्टेप 3 : अगर आप चाहो तो अलसी की 1 – 2 चम्मच दिन में 2 बार साधारण रूप से भी खा सकते हो. 

अंडे का सफ़ेद हिस्सा ( Egg White ) :—

अंडा भी स्तन के आकार को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, ये स्तन की बनावट को भी सुधारता है और उसे सख्त करता है जिससे छाती छोटी और सुन्दर दिखने लगती है. इसको इस्तेमाल करने के लिए आप नीचे दिए क़दमों का अनुसरण करें.

स्टेप 1: इसके लिए आप अंडे के फोड़ कर उसके अंदर के चिकने पदार्थ को एक कटोरे में निकल लें. अब आप इसे अपने स्तनों के नीचे वाले हिस्से पर लगायें और कम से कम 30 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें.
स्टेप 2 : तब तक आप एक कप पानी में थोड़े प्याज मिला लें और 30 मिनट बाद इस पानी से अंडे के इस पदार्थ को हटायें. 

आप इस उपाय को हफ्ते में कम से कम एक बार जरुर अपनाएं. जल्द ही आपके बढे हुए स्तनों का आकार कम होने लगेगा.

मछली का तेल ( Fish Oil ) :—–

जैसे अलसी में ओमेगा 3 पाया जाता है वैसे ही मछली के तेल में भी ओमेगा 3 होता है और इसीलिए इसे भी स्तन घटाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ये भी एस्ट्रोजन के बढ़ते स्तर को घटाकर आपके स्तनों को अच्छी आकृति देता है और उन्हें और भी अधिक आकर्षक बनता है. साथ ही अगर आपके शरीर का भी वजन बढ़ा हुआ है तो ये आपको उसमे भी मददगार सिद्ध होता है. इसका आप कई तरीकों से इस्तेमाल कर सकते हो जैसे कि –
आप उन मछलियों को खाएं जो ठन्डे पानी में रहती है जैसेकि टूना और सामन. ये दोनों ही ओमेगा 3 से प्रचुर होती है.
आप मछली का सुप्लिमेंट भी इस्तेमाल कर सकते हो. किन्तु इसका सेवन और इसकी मात्रा को जानने के लिया आप किसी चिकित्सक की सहायता जरुर लें.
इसके अलावा आप मछलियों का तेल भी अपने स्तनों पर इस्तेमाल कर सकते हो.
इसके अलावा आप प्रतिदिन फलों का जूस पिए और जितना हो सके उतना पानी पियें, इससे भी आपके स्तन का आकार धीरे धीरे कम होने लगता है.
आप अधिक से अधिक हरी सब्जियों का सेवन करें जैसे कि पालक.
आप अपने शरीर से नमक और चीनी की मात्रा को कम करें.


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अंग्रेज़ी सिस्टम में उपलब्ध इलाज़— 

दुर्भाग्य से स्तनों का आकार बढाने का कोई सुरक्षित उपाय एलोपैथी सिस्टम में नहीं है | एलोपैथिक डॉक्टर हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का प्रयोग करते हैं जिससे स्तनों का आकार तो बढ़ जाता है किन्तु इसके साइड इफ़ेक्ट इतने ज्यादा हैं कि इसकी सलाह आमतौर पर नहीं दी जाती है | दूसरा उपाय ऑपरेशन है जिसमे डॉक्टर ऑपरेशन के द्वारा वक्ष में सिलिकॉन की थैली डाल देते हैं जिससे वक्ष बड़ा दिखता है | इस प्रक्रिया में ऑपरेशन के निशान वक्ष पर रह जाते हैं जो कि बहुत ही भद्दा दिखता है | इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि सेक्स के दौरान जब पुरुष स्तनों को जोड़ से दबाता है तो सिलिकॉन थैली वक्ष के अन्दर ही फट जाती है या अपने स्थान से इधर उधर खिसक जाती है जो कि असहनीय पीड़ा का कारण बनती है और दुबारा ऑपरेशन कराना मजबूरी बन जाता है | ऑपरेशन का खर्च उठाना भी हर किसी के वश की बात नहीं है | संक्षेप में कहें तो अंग्रेज़ी सिस्टम के पास इस समस्या का समुचित समाधान नहीं है |
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इन सब तरीकों को अपनाकर आप आसानी से अपने स्तन(छाती/वक्षस्थल/सीने) के आकार को कम कर सुन्दर और आकर्षक स्तन पा सकती है. 

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