जानिए फिल्म अभिनेता गोविंदा की कुंडली और उनके फ़िल्मी कॅरियर को…




बॉलीवुड में गोविन्दा का नाम एक ऐसे अभिनेता के तौर पर शुमार किया जाता है जिन्होंने अपनी डांसिग स्टाइल और कॉमेडी अभिनय से दर्शको के दिलों मे खास पहचान बनाई हैं | फिल्म अभिनेता गोविंदा का जन्म .. दिसम्बर 196. को हुआ था । उनके पिता भूतपूर्व अभिनेता अरुण कुमार और उनकी माता गायिका-अभिनेत्री निर्मला देवी है। उनका जन्म एक पंजाबी-सिंधी परिवार में हुआ था। अरुण खास तौर पर अपनी फिल्म महबूब खान की फिल्म औरत (194.) के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने एक ही फिल्म प्रोड्यूस की थी और इसके कुछ समय बाद ही उन्हें बिमारियों ने घेर लिया था। उनका परिवार मुंबई के कार्टर रोड पर रहता था लेकिन बाद में वे वहाँ से उत्तर मुंबई में स्थापित हो गये थे, जहाँ गोविंदा का जन्म हुआ। अपने माता-पिता की छः संतानों में से गोविंदा सबसे छोटे है। घर में उन्हें उपनाम “ची-ची” भी दिया गया था, जिसका पंजाबी अर्थ “छोटी ऊँगली” से है, घर पर उन्हें इसी नाम से पुकारा जाता था।


Celebrity Details – Govinda
Real Name : Govind Arun Ahuja
Date of Birth: Saturday, December 21, 1963
Time of Birth: 21:00:00
Place of Birth: Virar
Longitude: 73 E 2
Latitude: 19 N 14
Time Zone: 5.5
Birth Number : 21
Ruling Planet : Jupiter
Chinese Sign : Dog
Type : Fire-Mutable-Positive


पृष्‍ठभूमि-
गोविंदा का जन्‍म एक पंजाबी परिवार में मुंबई में हुआ थाा उनके पिता का नाम अरूण कुमार आहूजा और मां का नाम निर्मला देवी है |


पढ़ाई-
उनकी पढ़ाई अन्‍नासाहेब वर्तक कॉलेज, वसई, महाराष्‍ट्र से हुई जहां से उन्‍होंने कॉमर्स से स्‍नातक पूरा किया हैं |


शादी-
गोविंदा की शादी सुनीता आहूजा से हुई थी | 
नकी दो संताने है : एक बेटी टीना (नर्मदा आहूजा) और एक बेटा यशवर्धन आहूजा है। टीना ने 2015 में आयी फिल्म ‘सेकंड हैण्ड हसबंड’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था।


उनका भाई कीर्ति कुमार एक अभिनेता, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर है। उनकी बहन, कामिनी खन्ना एक राइटर, म्यूजिक डायरेक्टर और गायिका है।


गोविंदा के अंकल आनंद सिंह (डायरेक्टर हृषिकेश मुखर्जी के असिस्टेंट), ने गोविंदा को फ़िल्म तन-बदन में परिचित करवाया था। सिंह की भाभी सुनीता उस समय गोविंदा के प्यार में पड़ चुकी थी और उन्होंने 11 मार्च 1987 को उन्होंने शादी कर ली थी।

मनोरंजन के क्षेत्र में गोविंदा के छः भतीजे और दो भांजीयाँ है : अभिनेता विनय आनंद, कृष्णा अभिषेक, आर्यन, अर्जुन सिंह, रागिनी खन्ना, अमित खन्ना, आरती सिंह और डायरेक्टर जनमेंद्र कुमार आहूजा।


गोविंदा (जन्मनाम – गोविंद अरुण आहूजा) एक भारतीय फिल्म अभिनेता, कॉमेडियन और भूतपूर्व राजनेता है, जो हिंदी फिल्मो में अपने बेहतरीन कलाकारी के लिए जाने जाते है। गोविंदा अपनी अनोखी नृत्य कला के लिए भी प्रसिद्ध है, अपने जीवनकाल में गोविंदा को अबतक 12 फिल्मफेयर अवार्ड नामनिर्देशन, एक विशेष फिल्मफेयर अवार्ड और बेस्ट कॉमेडियन का फिल्मफेयर अवार्ड और चार जी सिने अवार्ड मिल चुके है। इसके साथ ही गोविंदा 2004 से 2009 तक संसद भवन के सदस्य भी रह चुके है। गोविंदा की पहली फिल्म 1986 में इल्जाम आयी थी और अब तक वे तक़रीबन 165 हिंदी फिल्मे कर चुके है। बीबीसी न्यूज़ ऑनलाइन पोल में सर्वाधिक वोट पाने वाले की सूचि में वे दसवे स्थान पर थे।



करियर-


गोविन्दा ने अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1986 में प्रदर्शित फिल्म ‘इल्जाम’ से की। इस फिल्म में उनपर फिल्माया यह गीत ‘स्ट्रीट डांसर’ काफी लोकप्रिय हुआ। इस फिल्म की सफलता के बाद गोविन्दा की छवि एक डांसिग स्टार के रूप में बन गयी और फिल्मकारों ने उनकी इसी छवि को अपनी फिल्मों में जमकर भुनाया। इल्जाम में गोविन्दा की जोड़ी नीलम के साथ काफी पसंद की गयी।इस फिल्म के बाद नीलम और गोविन्दा ने कई फिल्मों में एक साथ काम किया।


इन फिल्मों में लव 86,खुदगर्ज,हत्या,सिंदूर,फर्ज की जंग,ताकतवर और दो कैदी शामिल है। गोविन्दा के सिने सफर में उनकी जोड़ी डेविड धवन के साथ काफी पसंद की गई। वर्ष 1989 में गोविन्दा ने निर्देशक डेविड धवन के साथ पहली बार ताकतवर में काम किया। इस फिल्म को टिकट खिड़की पर औसत सफलता प्राप्त हुयी लेकिन इस फिल्म के बाद डेविड धवन और गोविंदा की जोड़ी बन गयी और दोनों ने कई फिल्मों में एक साथ काम कर दर्शकों का मनोरंजन किया।  


वर्ष 1992 में प्रदर्शित फिल्म ‘आंखे’ गोविन्दा के सिने करियर की सर्वाधिक कामयाब फिल्म में शुमार की जाती है। इस फिल्म में एक बार फिर गोविन्दा ने अपने पसंदीदा निर्देशक डेविड धवन के साथ काम किया। हास्य से परिपूर्ण इस फिल्म में गोविंदा ने दोहरी भूमिका निभाकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया।यह फिल्म भारतीय सिनेमा जगत के इतिहास में ब्लॉक बस्टर फिल्मों में शुमार की जाती है।


आंखे की ब्लॉक बस्टर सफलता के बाद गोविन्दा-डेविड की जोड़ी ने एक से बढ़कर एक फिल्म बनाकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। इन फिल्मों में कुली नंबर वन,हीरो नंबर वन,साजन चले ससुराल,बड़े मियां छोटे मियां,राजा बाबू,दीवाना मस्ताना,दुल्हे राजा,हसीना मान जायेगी,जोड़ी नंबर वन और पार्टनर आदि शामिल है। 


2000 के दशक मे गोविन्दा की फिल्मों को अपेक्षित सफलता नही मिल सकी।वर्ष 2000 में प्रदर्शित फिल्म शिकारी ने गोविन्दा ने अपने सिने करियर का पहला नेगेटिव किरदार निभाया जिसके लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फिल्म फेयर पुरस्कार भी दिया गया। गोविन्दा के सिने करियर में उनकी जोड़ी अभिनेत्री करिश्मा कपूर के साथ काफी पसंद की गयी। उनकी जोड़ी सबसे पहले वर्ष 1993 में प्रदर्शित फिल्म ‘मुकाबला’ में एक साथ पसंद की गयी। बाद में उनकी जोड़ी को फिल्मकारों ने अपनी फिल्मों में रिपीट किया। इन फिल्मों में राजा बाबू, दुलारा, खुद्दार,कुली नंबर वन, साजन चले ससुराल, हीरो नंबर वन, हसीना मान जायेगी,शिकारी जैसी फिल्में शामिल है। 


करिश्मा कपूर के अलावा गोविन्दा की जोड़ी किमी काटकर,रवीना टंडन और शिल्पा शेट्टी के साथ भी काफी पसंद की गयी। फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद गोविन्दा ने समाज सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया और वर्ष 2004 में क्रांगेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर लोकसभा के सदस्य बने। वर्ष 2007 में प्रदर्शित फिल्म पार्टनर की सफलता के बाद गोविन्दा एक बार फिर से अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गये। 


गोविन्दा ने अपने तीन दशक के करियर में लगभग 175 फिल्मों में काम किया है। उनके करियर की उल्लेखनीय फिल्मों में कुछ है लव 86,जीते है शान से ,हत्या,घर घर की कहानी,जंगबाज,जैसी करनी वैसी भरनी,घराना,हम,भाभी,गैंबलर,भागमभाम आदि। गोविन्दा की इस वर्ष 2014 में होली डे,किल दिल और हैपी एंडिंग प्रदर्शित हुई है।गोविन्दा अभिनय चक्र नामक एक फिल्म का निर्माण भी कर रहे है। इस फिल्म में गोविन्दा अभिनय भी करेंगे। 
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गोविंद अरुण आहूजा… क्या आप इस नाम के किसी व्यक्ति को जानते हैं? यह भारत के बेहद प्रसिद्ध इंसानों में से एक हैं। केवल भारत ही क्यों, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इन्होंने अपनी पहचान बनाई है। रहने दीजिए, अब आप ‘गूगल बाबा’ की सहायता मत लीजिए। इसका जवाब ढूंढ़ने में हम आपकी मदद करते हैं।


आपने गोविंद अरुण आहूजा का नाम शायद ही कभी सुना होगा लेकिन बॉलीवुड इंडस्ट्री के ‘गोविंदा’ का नाम तो ज़रूर सुना होगा। अपनी स्टाइल और डांस के लिए मशहूर गोविंदा इंडस्ट्री के जाने-माने सितारों में से एक हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उनकी किस्मत के सितारे पाताल में थे, जिसका सबसे बड़ा कारण था उनका खुद का नाम ‘गोविंद’।


कहते हैं एक ज्योतिष से सलाह-मशविरा करने के बाद गोविंद को यह मालूम हुआ कि उनके नाम के मूलांक की गणना करने के बाद निकलने वाला अंक उनके जन्म-कुंडली के भाग्य से मेल नहीं खाता था। इसीलिए वह किसी भी कार्य में असफल हो रहे थे। अंत ज्योतिषी ने उन्हें अपने नाम के पीछे ‘अ’ लगाने की सलाह दी, जिसके बाद उनका नाम ‘गोविंदा’ पड़ा।


अंकशास्त्र का खेल तो देखिए, वह बॉलीवुड पर राज करने लगे। यह कहानी मैंने आपको इसलिए सुनाई क्योंकि कुछ लोग अंकशास्त्र को महज मनोरंजन का एक साधन मानते हैं और सोचते हैं कि इसका हमारी ज़िंदगी पर कोई खास असर नहीं होता। परंतु असर तो होता ही है। अंकशास्त्र का हमारे भाग्य से लेकर और भी अन्य पहलुओं पर असर देखा गया है, जिसमें से एक है हमारी सेहत।


अंकशास्त्र ब्रह्मांड में मौजूद ग्रहों को अपना आधार बनाकर मनुष्य के जीवन की गणना करता है। यह शास्त्र सदियों पुराना होने के बावजूद भी पूरी तरह से वैज्ञानिक है। स्वयं विज्ञान भी इसकी पैरवी करता है और इसके द्वारा दिए हुए निष्कर्ष का आदर करता है।


इस आधार पर अंकशास्त्र की मदद से हमारा स्वास्थ्य कैसा रहता है और आने वाले समय में हमारे जीवन पर कैसा प्रभाव डाल सकता है, यह सभी तथ्य जाने जा सकते हैं। केवल जरूरत है तो आपके जन्म की तारीख की। जन्म तारीख के आधार पर आप आसानी से जान सकते हैं कि आपका स्वास्थ्य कैसा रहेगा, और यदि कोई कठिनाई है तो उसे कैसे हल किया जा सकता है।
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अंकशास्त्र में सबसे पहला अंक 1 सूर्य ग्रह का प्रतीक माना जाता है। सूर्य की तरह चमकदार और आत्मविश्वास से भरपूर होते हैं अंक 1 वाले लोग। जो भी व्यक्ति 1, 10 (1+0), 19 (1+9=10, 1+0=1) या 28 (2+8=10, 1+0=1) तारीख को जन्मा हो, उसका मूलांक 1 होता है। इस तारीख को जन्म लेने वाले लोगों को अकसर बढ़ते रक्तचाप, हृदय रोग और घबराहट महसूस होती है। परंतु फिर भी इन लोगों में जीने की शक्ति अधिक होती है।
इन तकलीफों से बचने के लिए आपको केवल साधारण आहार लेना चाहिए। किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों, जैसे कि सिगरेट का सेवन ना करें और जितना हो सके खुद को आराम दें। शहद, ड्राय फ्रूट, संतरा, सेब, अदरक, केसर, अश्वगंधा आदि का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद है। आपके लिए अक्टूबर, दिसंबर और जनवरी का महीना लाभकारी सिद्ध होता है।


तारीख 2, 11, 20 और 29 को जन्मे हुए लोग चंद्रमा ग्रह से सम्बन्ध रखते हैं। आमतौर पर चंद्रमा से जुड़े लोगों को खाने-पीने से जुड़ी तकलीफें, गठिए की दिक्कत, चक्कर आना, पेट या पीठ दर्द, कमज़ोर महसूस करना, खांसी-ज़ुकाम रहना, आंखों की तकलीफ और दांतों में ज्यादा दिक्कतें होती हैं |


ऐसे लोग किस तरह के वातावरण में रहते हैं इसका इन पर भारी मात्रा में प्रभाव पड़ता है। इन्हें सभी मौसमी फल-सब्जियां, गाजर और अन्य पौष्टिक आहार लेना चाहिए। खुद को तरोताज़ा रखने के लिए नकारात्मक ऊर्जा वाली जगहों से खुद को जितना हो सके, दूर ही रखें। जनवरी, फरवरी और जुलाई का महीना आपके लिए कुछ ठीक नहीं है।


3, 12, 21 और 30 तारीख को जन्म लेने वाले लोग बृहस्पति ग्रह के अधीन होते हैं। यह ग्रह विशाल और ताकतवर होता है, लेकिन फिर भी सेहत सम्बन्धित तकलीफें इनका भी पीछा नहीं छोड़तीं। बृहस्पति ग्रह का व्यक्ति के लीवर, फेफड़े, नसों और अंतड़ियों पर नियंत्रण होता है।


ऐसे लोगों को पेट में गैस, जोड़ों का दर्द, खांसी, हृदय रोग और त्वचा सम्बन्धित तकलीफें भी होती हैं। इन्हें ज्यादा से ज्यादा फल खाने चाहिए और बादाम इनके लिए फायदेमंद है। फरवरी, जून, सितंबर और दिसंबर का महीना इनके लिए बेहतर साबित होता है।


अंक 4 वालों का कनेक्शन राहु ग्रह के साथ है। 4, 13, 22 और 31 तारीख को जन्म लेने वालों को खुद स्वास्थ्य सम्बन्धित तकलीफें महसूस नहीं होतीं, लेकिन कुछ समय के बाद उनका शरीर अपने आप उन्हें संकेत देना शुरू कर देता है।
इन्हें ज़ुकाम, सांस की तकलीफ, बवासीर, कब्ज, ट्यूमर, रक्तक्षीणता और मूत्रीय एवं गुरदे से सम्बन्धित तकलीफें हो सकती हैं। यदि इनसे बचना है तो इन्हें कम मसाले वाला और सादा खाना लेना चाहिए। हरी सब्जियां और खासतौर पर शाकाहारी भोजन ही इनके लिए सही है। जनवरी, फरवरी, जुलाई, अगस्त और सितंबर इनके लिए अच्छे महीने नहीं हैं।


यदि किसी का जन्म 5, 14 या 23 तारीख को हुआ है तो उसका मूलांक 5 तथा ग्रह बुध है। बुध ग्रह का नियंत्रण व्यक्ति के विचार, नाक, हाथों और शरीर की नाड़ियों पर रहता है। अंक 5 वाले इंसान को सोने में परेशानी होती है, डायबिटीज, डिप्रेशन, ट्यूमर, हकलाना, घबराहट, हाथों में गठिया और चक्कर आने जैसी दिक्कतें होती हैं।
इन सबसे बचने का सबसे आसान तरीका है समय पर खाना खाएं और पूरी नींद लें। गाजर, मूली, नारियल, हरी-सब्जियां, दालें, यह सब कुछ अंक 5 वाले व्यक्ति को लेना चाहिए। इनके लिए जून, सितंबर और दिसंबर का महीना ठीक नहीं है।


तारीख 6, 15 और 24 को जन्में लोगों का ग्रह शुक्र है। शुक्र ग्रह से नाता रखने वालों की चमकती किस्मत को देख दुनिया भी सलाम करती है। लेकिन तकलीफें इनके लिए भी कम नहीं हैं। इन्हें फेफड़े, कण्ठ, नाक और सिर की तकलीफें होती हैं। मूत्र सम्बन्धित रोग भी इन्हें आसानी से पकड़ लेते हैं।


अंक 6 वाले लोग ज़िंदगी में घूमना-फिरना और विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण रखने के लिए प्रसिद्ध होते हैं। यदि यह इस पर काबू पा लें तो इनकी बीमारियां भारी संख्या में कम हो सकती हैं। फिर भी सलाह के तौर पर इन्हें हरी सब्जियां, खीरा, सेब, अनार, बादाम, सलाद और चावल खाने चाहिए। मांसाहारी खाना इनके लिए ठीक नहीं है। पूरे वर्ष में मई, अक्टूबर और नवंबर को छोड़ बाकी सभी महीने इनके लिए अच्छे हैं।
7, 16 और 25 तारीख को जन्मे लोगों का मूलांक 7 और ग्रह केतु है। वैसे तो इनकी ज़िंदगी में तकलीफें कम ही होती हैं लेकिन इनकी निरंतर चिंता करते रहने की आदत ही इनकी सबसे बड़ी दुश्मन है। इन्हें अपने दिमाग को आराम देना चाहिए और गुस्से पर भी काबू पाना चाहिए।
कण्ठ में सूजन, नाक और आंखों सम्बन्धित तकलीफ और साथ ही त्वचा रोग भी इन्हें पकड़ लेते हैं। इन्हें हमेशा साफ वातावरण में रहना चाहिए। स्वच्छ पानी, सादा आहार, फलों का रस, सेब, अंगूर, खीरा, गोबी, चीकू, इत्यादि इनकी जरूरत है। इनके लिए जनवरी, फरवरी, जुलाई और अगस्त का महीना ठीक नहीं है।


यदि आपका जन्म 8, 17 या 26 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 8 और ग्रह शनि है। रक्त सम्बन्धित संक्रमण इन्हें जल्दी पकड़ लेता है। इसके अलावा मिरगी, रक्त की कमी, पीलिया, सुनने में तकलीफ, कुष्ठरोग, ग्रंथों में सूजन, दांत में तकलीफ इन्हें हो जाती है। स्वच्छ वातावरण इनका परम अधिकार है। साफ-सुथरे तरीके से बनाया हुआ सादा खाना और सुबह जल्दी उठकर व्यायाम करना इनकी लिए एक जरूरी सलाह है। दिसंबर, जनवरी और फरवरी का महीना इन्हें कष्ट देता है।


अंकशास्त्र में आखिरी अंक है ‘9’ जो मंगल ग्रह का प्रतीक है। 9, 18 और 27 तारीख को जन्म लेने वाले व्यक्ति का मूलांक 9 है। मंगल ग्रह इनके सिर, चेहरे, गुरदे, घुटने, कच्छ, मूत्राशय, प्रजनन अंगों, ह्रदय और रक्त संचालन से जुड़ा है। अंक 9 वाले इंसान को ट्यूमर, स्माल पॉक्स, चेचक, हर तरह का बुखार, सिर दर्द, यौन सम्बन्धित तकलीफ और रक्त चाप बढ़ने की दिक्कत होना आम है। इन्हें शांत और चिंता मुक्त रहना चाहिए। अदरक, प्याज़, लहसुन, हरी मिर्ची और नारियल का किसी भी रूप में सेवन इनके लिए फायदेमंद है। इन्हें अप्रैल, मई, अक्टूबर और नवंबर के महीने में अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहना चाहिए।


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