आइये जाने की आपके कर्म और रिश्तों का आपके ग्रहों से क्या हैं 
सम्बन्ध ???

पण्डित “विशाल” दयानन्द शास्त्री–.9669.90067…।।
हम सभी जानते हैं की प्रत्येक जातक की कुंडली में अशुभ ग्रहों की स्थिति अलग-अलग रहती है, परंतु कुछ ग्रह कर्मों के आधार पर भी आपको अशुभ परिणाम या फल देते हैं।

पण्डित “विशाल” दयानन्द शास्त्री के अनुसार व्यक्ति अपने कर्म-कुकर्म के द्वारा किस प्रकार नवग्रह के अशुभ फल प्राप्त करता हैं, आइए जानते हैं :–

चंद्रमा : —सम्मानजनक स्त्रियों को कष्ट देने जैसे, माता, नानी, दादी, सास एवं इनके पद के समान वाली स्त्रियों को कष्ट देने एवं किसी से द्वेषपूर्वक ली वस्तु के कारण चंद्रमा अशुभ फल देता है।
बुध : —अपनी बहन अथवा बेटी को कष्ट देने एवं बुआको कष्ट देने, साली एवं मौसी को कष्ट देने से बुध अशुभ फल देता है। इसी के साथ किन्नर या हिजड़े को कष्ट देने पर भी बुध अशुभ परिणाम फल देता है।
देव गुरु वृहस्पति : —अपने पिता, दादा, नाना को कष्ट देने अथवा इनके समान सम्मानित व्यक्ति को कष्ट देने एवं साधु संतों को कष्ट देने से गुरु अशुभ फल देता है।
सूर्यदेव : —किसी का दिल दुखाने (कष्ट देने), किसी भी प्रकार का टैक्स चोरी करने एवं किसी भी जीव की आत्मा को ठेस पहुँचाने पर सूर्य अशुभ फल देता है।
शुक्रदेव: —अपने जीवनसाथी को कष्ट देने, किसी भी प्रकार के गंदे वस्त्र पहनने, घर में गंदे एवं फटे पुराने वस्त्र रखने से शुभ-अशुभ फल देता है।
ग्रहों का सेनापति मंगलग्रह :—- भाई से झगड़ा करने, भाई के साथ धोखा करने से मंगल के अशुभ फल शुरू हो जाते हैं। इसी के साथ अपनी पत्नी के भाई (साले) का अपमान करने पर भी मंगल अशुभ फल देता है।
न्यायाधिपति शनि देव: —ताऊ एवं चाचा से झगड़ा करने एवं किसी भी मेहनतम करने वाले व्यक्ति को कष्ट देने, अपशब्द कहने एवं इसी के साथ शराब, माँस खाने पीने से शनि देव अशुभ फल देते हैं।कुछ लोग मकान एवं दुकान किराये से लेने के बाद खाली नहीं करते अथवा उसके बदले पैसा माँगते हैं तो शनि अशुभ फल देने लगता है।
राहु ग्रह: —राहु सर्प का ही रूप है अत: सपेरे का दिलदुखाने से, बड़े भाई को कष्ट देने से अथवा बड़े भाई का अपमान करने से, ननिहाल पक्ष वालों का अपमान करने से राहु अशुभ फल देता है।
केतु :—अपने भतीजे एवं भांजे का दिल दुखाने एवं उनका हक छीनने पर केतु अशुभ फल देना है।कुत्ते को मारने एवं किसी के द्वारा मरवाने पर, किसी भी मंदिर को तोड़ने अथवा ध्वजा नष्ट करने पर इसी के साथ ज्यादा कंजूसी करने पर केतु अशुभ फल देता है।ध्यान रखें किसी से धोखा करने व झूठी गवाही देने पर भी राहु-केतु अशुभ फल देते हैं।
पण्डित “विशाल” दयानन्द शास्त्री के अनुसार मनुष्य को अपना जीवन लोभ लालच रहित और व्यवस्थित जीना चाहिए। किसी अपने या पराये को कष्ट देकर या छल-कपट द्वारा अपनी रोजी नहीं चलानी चाहिए। किसी भी प्राणी को अपने अधीन नहीं समझना चाहिए जिससे ग्रहों के अशुभ कष्ट सहना पड़े।।
कल्याण हो।। शुभम भवतु।।

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