श्रावण/सावन मास में इन उपायों/टोटकों से करें देवाधिदेव,,भगवन शिव को प्रसन्न—-

सावन महीने की शुरुआत इस बार 4 जुलाई, बुधवार से हो चुकी है। धर्म शास्त्रों के अनुसार इन महीने में भगवान शंकर की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है। 
ज्योतिषाचार्य  एवं वास्तु  विशेषज्ञ पंडित दयानन्द शास्त्री(. ) के अनुसार चूंकि तंत्र के देवता भी शिव ही हैं इसलिए इस महीने में किए गए टोटके से किसी भी इंसान की किस्मत बदल सकती है। यथा—–

भगवान शिव का जल से अभिषेक करें और उन्हें काले तिल अर्पण करें। इसके बाद मंदिर में कुछ देर बैठकर मन ही मन में ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
—– प्रतिदिन .. बिल्वपत्रों पर चंदन से ऊँ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं साथ ही एकमुखी रुद्राक्ष भी अर्पण करें
—-इस सावन मास में रोज किसी नदी या तालाब जाकर आटे की गोलियां मछलियों को खिलाएं। जब तक यह काम करें मन ही मन में भगवान शिव का ध्यान करते रहें।

—-महामृत्युंजय मन्त्र ….ॐ हौं जूं स:ॐ भूर्भुव:स्व:ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम्पुष्टिवर्धनम // उर्व्वारुकमिवबन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात ॐ स्व:भुव:भू: ॐ स:जूं हौं ॐ..

—–फूल चढ़ाकर करें शिव को प्रसन्न- ………शिवपुराण की रुद्रसंहिता में भगवान शिव का विभिन्न पुष्पों से पूजन करने तथा उनसे प्राप्त होने वाले फलों का विस्तृत वर्णन मिलता है जो इस प्रकार है-
 लाल व सफेद आंकड़े के फूल से शिव का पूजन करने पर भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है। – 
……चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है। 
……- शमी पत्रों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है। 
……… बेला के फूल से पूजन करने पर शुभ लक्षणों से युक्त पत्नी मिलती है। 
………. जूही के फूल से शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।
……….. कनेर के फूलों से शिव पूजन करने से नवीन वस्त्रों की प्राप्ति होती है। –
……… हरसिंगार के पुष्पों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है…………।
 ……..- धतूरे के पुष्प के पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है। 
……… लाल डंठलवाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है। 
……….- दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है।

—-अगर आपके घर में किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो सावन में रोज सुबह घर में गोमूत्र का छिड़काव करें तथा गुग्गल की धूप दें।
—–इस सावन में रोज नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और मन प्रसन्न रहेगा।
पूरे सावन महीने में रोज गरीबों को भोजन कराएं, इससे आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी तथा पितरों  की आत्मा को शांति मिलेगी।
—-शिवमहापुराण में विभिन्न रसों से शिव की पूजा का वर्णन विस्तारपूर्वक किया गया है, जिससे साधक को कई रोगों से छुटकार मिल जाता है वहीं मन चाहे फल की प्राप्ति भी होती है।

 यह इस प्रकार है- – ज्वर (बुखार) से पीड़ित होने पर भगवान शिव को जलधारा चढ़ाने से शीघ्रताशीघ्र लाभ मिलता है।… 

—–सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जलधारा द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।…. 
—- नपुंसक व्यक्ति अगर घी से शिव की पूजा करे व ब्राह्मणों को भोजन कराए तथा सोमवार का व्रत करे तो उसकी समस्या का निदान हो जाता है। ….

– —-तेज दिमाग के लिए शक्कर मिश्रित दूध भगवान शिव को चढ़ाएं।…… 
 सुगंधित तेल से शिव का अभिषेक करने पर समृद्धि में वृद्धि होती है। ……

– —भगवान शिव पर ईख (गन्ना) के रस की धारा चढ़ाई जाए तो सभी आनन्दों की प्राप्ति होती है। ….
—-.- शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है। …….
—– मधु (शहद) की धारा शिव पर चढ़ाने से राजयक्ष्मा (टीबी) रोग दूर हो जाता है।
धर्म ग्रंथों में भगवान शिव को विभिन्न प्रकार के अनाज अर्पित करने का भी विधान बताया गया है जो इस प्रकार है-
— – भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है
 —-भगवान शिव को गेंहू चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है। 
यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने पश्चात गरीबों में वितरीत कर देना चाहिए।

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