नवरात्री के नौ दिन, नौ समस्या, नौ समाधान—–क्या करें..?????
.. शैल पुत्री——-
भूमि-भवन वाहन की प्राप्ति हेतु क्या उपाय करें?
संपूर्ण प्रयासों के बावजूद भी भूमि-भवन वाहन की प्राप्ति नहीं हो रही है तो नवरात्र के पहले दिन यानी मां शैलपुत्री के दिन रात्रि में 8 बजे के बाद चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर उस पर दुर्गा जी का यंत्र स्थापित करें। तत्पश्चात 1 लौंग, 1गोमती चक्र, एक साबुत सुपारी, एक लाल चंदन का टुकड़ा, 1 रक्त गुंजा, इन समस्त सामग्री को एक पानी से भरे लोटे में रखें। घी का दीपक जला लें। . माला ॥ ú ह्लïीं फट्ï॥ की करें और एक माला ऐं ह्रïीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ú शैलपुत्री देव्यै नम: की जाप करें। प्रत्येक माला के बाद लोटे पर एक फूंक मारे। फिर उस लोटे के जल को पीपल वृक्ष की जड़ में चढ़ा दें, उन लौंग एवं सुपारी को भी वहीं मिट्टïी में दबा दें। लाल चंदन का टुकड़ा और रक्त गुंजा का अपने ऊपर से उसार करके बहते पानी में बहा दें। अनावश्यक कोर्ट-कचेहरी के मामलों से छुटकारा मिल जाएगा।
यदि अनावश्यक रूप से कोर्ट-कचहरी के मामलें परेशान कर रहे हो तो हर रोज 4. दिन तक 108 मोगरे के पुष्प úï ह्रïीं श्रीं क्रीं शैलपुत्रिये नम:ï। मंत्र का जाप करते हुए अर्पित करें। प्रारंभ प्रथम नवरात्र को यह उपाय शुभ मुहुत्र्त में प्रारंभ करें।
.. ब्रह्मïचारिणी—–
शिक्षा में सफलता हेतु क्या उपाय करें?
यदि विद्यार्थी को शिक्षा में परेशानी आ रही हो, स्मरण शक्ति कमजोर हो, पाठ याद नहीं होते हो तो यह उपाय करके देंखे। गुरुवार के दिन 5 पीले पेड़े अपने ऊपर से 7 बार उसार कर और 7 बार ú ऐं क्लीं ह्रïीं श्रीं। मंत्र का जाप करके गाय को खिला दें।
अपने अध्ययन कक्ष में पीले कपड़े में 9 हल्दी की गांठ ú ऐं क्लीं ह्रïीं श्रीं। मंत्र का जाप करते हुए बांध कर पोटली बना दें और अपने कक्ष में रख दें। शिक्षा में सफलता मिलेगी।
3. चंद्रघंटा—-
कर्जें से मुक्ति के लिए क्या उपाय करें।
संपूर्ण प्रयासों के बावजूद भी ऋण से पीछा नहीं छुट रहा हो तो 108 गुलाब के पुष्प ú ऐं ह्रïीं श्रीं चं फट्ï स्वाहा। भगवती चंद्रघंटा के श्री चरणों में अर्पित करें।
सवा किलो साबुत मसूर लाल कपड़ें में बांधकर अपने सामने रख दें। घी का दीपक जलाकर ú ऐं ह्रïीं श्रीं चंद्रघण्टे हुं फट्ïस्वाहा। इस मंत्र का जाप 108 बार करें। मसूर को अपने ऊपर से 7 बार उसार कर सफाई कर्मचारी को दान में दे दें। कर्जें से छुटकारा मिल जाएगा।
4. कुष्माण्डा——
प्रयासों के बावजूद भी मनोनुकूल सफलता नहीं मिल रही हो तो क्या उपाय करें?
सम्पूर्ण परिश्रम, प्रयास और कठिन महनत के बावजूद बदनामी का सामना करना पड़ रहा हो, समाज में जग हसाई हो रही हो, व्यापार वृद्धि के लिए किए गए सम्पूर्ण प्रयास विफल हो रहे हो, तो आज का दिन उन लोगों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। चार कुम्हड़े (काशीफल या कद्दे), चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर इन सबको उसे पर रख दें। धूप, दीप, नेवैद्य, पुष्प अर्पित करने के बाद पांच माला ú ऐं ह्रïीं क्लीं चामूण्डाय विच्चे ú कूष्माण्डा देव्यै नम:, एक माला ú शं शनैश्चराय नम: की जाप करें। तत्पश्चात इनको अपने ऊपर से 11 बार उसार लें, उसारने के बाद छोटे-छोटे टुकड़े करके किसी तालाब में डाल दें। सभी प्रकार के कष्टïों से मुक्ति मिल जाएगी।
5. स्कंद माता——-
हमेशा कार्य में बाधा आ रही हो तो बाधा निवारण के लिए क्या उपाय करें?
यदि किसी के भी साथ अनावश्यक, बार-बार कोई भी कारण नहीं और परेशानी आ रही हो, मन बेचेन रहता हो, अनहोनी दुर्घटनाएं घट रही हों और एक्सीडेंट होता हो तो 800 ग्राम चावल दूध से धो कर पवित्र पात्र में अपने सामने रख लें। और एक माला ú ऐं ह्रïीं क्लीं चामूण्डाय विच्चे ú स्कन्द माता देव्यै नम: और एक माला मंगलकारी शनि मंत्र का जाप करें। तत्पश्चात इस सामग्री को अपने ऊपर से 11 बार उसार करके किसी तालाब अथवा बहते पानी में प्रवाह करें। और दूध किसी कुत्ते को पीला दें। यह उपाय लगातार 43 दिन तक करें। इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
6. कात्यायनी—-
ग्रह कलह निवारण के लिए क्या उपाय करें?
लकड़ी की चौकी बिछाएं। उसके ऊपर पीला वस्त्र बीछाएं। चौकी पर पांच अलग-अलग दोनो पर अलग-अलग मिठाई रखें। प्रत्येक दोनों में पांच लौंग, पांच इलायची और एक नींबू रखें। धूप-दीप, पष्प अक्षत अर्पित करने के उपरांत एक माला ú ऐं ह्रïीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ú कात्यायनी देव्यै नम: और एक माला शनि पत्नी नाम स्तुति की करें। तत्पश्चात यह समस्त सामग्री किसी पीपल के पेड़ के निचे चुपचाप रखकर आना चाहिए। बहुत जरूरी है ग्रह प्रवेश से पहले हाथ-पैर अवश्य धो लें।
7. कालरात्रि—–
प्रयासों के बावजूद भी सुख और सौभाग्य में वृद्घि नहीं हो रही है। इसके लिए क्या उपाय करें?
यह प्रयोग चैत्र नवरात्र की सप्तमी प्रात: 4 से 6 दोपहर 11:30 से 12:30 के बीच और रात्रि 10:00 बजे से 12:00 के बीच शुरु करना लाभकारी होगा। चौकी पर लाल वस्त्र बिछा कर माँ कालरात्रि की तस्वीर और दक्षिणी काली यंत्र व शनि यंत्र स्थापित करें। उसके बाद अलग-अलग आठ मु_ïी उड़द की चार ढेरीयां बना दें। प्रत्येक उड़द की ढेरी पर तेल से भरा दीपक रखें। प्रत्येक दीपक में चार बत्ती रहनी चाहिए। दीपक प्रज्वलित करने के बाद धूप-नैवेद्य पुष्प अक्षत अर्पित करें। शुद्ध कम्बल का आसन बिछा कर एक पाठ शनि चालीसा, एक पाठ माँ दुर्गा चालीसा, एक माला ú ऐं ह्रïीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ú क ालरात्रि देव्यै नम: और एक माला ú शं शनैश्चराय नम: की जाप करें। संपूर्ण मनोकामनाएं पूरी होगी।
8. महागौरी—–
लाख कोशिश के बावजूद भी शादी-विवाह मसलें नहीं हल हो रहे हो तो क्या उपाय करें?
यदि आपका विवाह न हो रहा हो या आपके परिवार में किसी का विवाह विलम्ब से हो रहा हो या आपके वैवाहिक जीवन में तनाव है तो यह उपाय बहुत लाभदाय होगा। यह उपाय किसी भी शुक्ल पक्ष की अष्टïमी को या नवरात्र की अष्टïमी को रात्रि 10 बजे से 12 बजे के बीच में शरु करना चाहिए और नियमित 43 दिन तक करें। अपने सोने वाले कमरे में एक चौकी बिछा तांबे का पात्र रख उसमें जल भर दें। पात्र के अंदर आठ लौंग, आठ हल्दी, आठ साबुत सुपारी, आठ छुआरे, इन सारे सामान को डाल दें। आम के पांच पत्ते दबा कर जटा वाला नारियल पात्र के ऊपर रख दें। वहीं आसन बिछा कर घी का दीपक जलाएं, श्रद्धापूर्वक धूप-दीप अक्षत पुष्प और नैवेद्य अपिर्त करने के उपरांत पांच माला माँ गौरी के मंत्र ú ऐं ह्रïीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ú महागौरी देव्यै नम: की और एक माला शनि पत्नी नाम स्तुति की करें और रात्रि भूमि शयन करें। प्रात: काल मौन रहते हुए यह सारी सामग्री किसी जलाशय या बहते हुए पानी में प्रवाह कर दें। वैवाहिक समस्याओं का निवारण हो जाएगा।
9. सिद्घिदात्री——
मेहनत और परिश्रम के उपरांत भी धन लाभ नहीं हो रहा, मां लक्ष्मी की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो क्या उपाय करें?
मां भगवती सिद्घदात्री को हर रोज भगवती का ध्यान करते हुए पीले पुष्प अर्पित करें। मोती चूर के लड्डïूओं का भोग लगाएं ओर श्री विग्रह के सामने घी का दीपक जलाएं। ऊँ ऐं ह्रïीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै: ऊँ सिद्घिदात्री विच्चै: नम:। मंत्र का जाप करें। धन की कमी नहीं रहेगी।
धन लाभ के लिए मां भगवती के मंदिर में गुलाब की सुगंधित धूपबत्ती शुक्रवार के दिन दान करें।
प्रत्येक शुक्लपक्ष की नवमी को 7 मु_ïी काले तिल पारिवारिक सदस्यों के ऊपर से 7 बार उसार कर उत्तर दिशा में फेंक दे। धन हानि नहीं होगी।
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मीन लग्न सूर्य, चंद्र, बुध का नौ के नौ ग्रहों का संबंध—-
बृहस्पति, शनि और सूर्य का समसप्तक योग—-
बृहस्पति, शुक्र, सूर्य, चंद्र, बुध का द्विद्वादश योग—-
केतु, बृहस्पति, शुक्र का द्विद्वादश योग—-
राहु और शनि का द्विद्वादश योग—-
मंगल और शनि का त्रिएकादश योग—-
मंगल और राहु का चर्तुदशम योग—–
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23-3-2012 इस वर्ष की चैत्र नवरात्रि होगी 10 दिनों की..
..अभिजित मुहूर्त या अन्य शुभ मुहूर्त में घट स्थापना करें।
इस वर्ष की चैत्र नवरात्रि अन्य वर्षों की तुलना में अनोखी होगी। नौ दिनों की नवरात्रि इस वर्ष ग्रह-नक्षत्रों के कारण 10 दिनों की होगी। 23 मार्च से प्रारंभ होकर 1 अप्रैल तक रहेगी। इसी दिन रामनवमी का पर्व मनाया जाएगा। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब नवरात्रि 10 दिनों तक मनाई जाएगी। सामान्यतःनवरात्रि 9 दिनों तक मनाई जाती है, क्षय तिथि के कारण कभी-कभार 8 दिनों की भी नवरात्रि होती है, लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है जब तिथि क्षय होने के बजाए तिथि में वृद्धि हो रही है।
इस वर्ष की नवरात्रि 23 मार्च,2012 से प्रारंभहोगी, जिसमें षष्ठी दो दिन आ रही है इसलिए एक दिन की वृद्धि हो रही है। अंग्रेजी कैलेंडर की तारीख सुनिर्धारित रहती है, जबकि तिथि की अवधि ग्रह-नक्षत्रों की गति पर आधारित होती है।एक तिथि समाप्त होने पर ही दूसरी तिथि शुरू होती है। यह हमेशा सुनिश्चित नहीं रहती। भारतीय ज्योतिष में सूर्योदय तिथि को विशेष मान्यता दी गई है, अर्थात जिस तिथि में सूर्योदय होता है वही तिथि संपूर्ण दिन मान्य रहती है।
इस वर्ष की चैत्र नवरात्रि 23 मार्च से एक अप्रैल तक रहेगी। 28 मार्च को सूर्योदय से लेकर संपूर्ण रात्रि षष्ठी तिथि रहेगी। यही नहीं 29 मार्च का सूर्योदय भी षष्ठी तिथि को ही होगा। इस दिन भी पूरे समय षष्ठी ही रहेगी। इस वर्ष की चैत्रनवरात्रि की तरह ही रामनवमी भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेगी। प्राचीनपांडुलिपियों के आधार पर भगवान श्रीराम की जो जन्म पत्रिका है, वैसे ही ग्रह नक्षत्रों में इस वर्ष रामनवमी का पर्व मनाया जाएगा। जन्म पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र में हुआ था। इस वर्ष रामनवमी को भी यही नक्षत्र पड़ रहा है। नवरात्रि का पर्व हमेशा से शुभ रहा है। इस 10 दिनों के अंदर गृह प्रवेश, भूमि पूजन, नवीन कार्य समेत सभी शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
भगवान श्रीराम का जन्म पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र में हुआ था। इस वर्ष रामनवमी को भी यही नक्षत्र पड़ रहा है। नवरात्रि का पर्व हमेशा से शुभ रहा है। इस 10 दिनों के अंदर गृह प्रवेश, भूमि पूजन, नवीन कार्य समेत सभी शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
हिंदू परिवारों में नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है, जिसमें ज्वारे(एक प्रकार का धान) बोया जाता है। इसकी शास्त्र सम्मत विधि इस प्रकार है-
घट स्थापना के लिए सम्मुखी चैत्र प्रतिपदा श्रेष्ठ होती है। दोपहर में अभिजित मुहूर्त या अन्य शुभ मुहूर्त में घट स्थापना करें।
इन मुहूर्त में करें घट स्थापना —–
लखनऊ में सुबह 06.11 से 07.12 दोपहर 11: 51 से 12: 36 तक
अहमदाबाद में सुबह 06.44 से 07.48 दोपहर 12: 22 से 01: 10 तक
मेरठ/मुजफफरनगर/बागपत में सुबह 06.25 से 07.26 दोपहर 12: 03 से 12: 51 तक
गाजियाबाद/मोदी नगर में सुबह 06.25 से 07.26 दोपहर 12: 03 से 12: 51 तक
यह सभी मुहूर्त घट स्थापना के लिए विशेष शुभ है।
यदि इस समय घट स्थापना न कर पाएं तो नीचे लिखे चौघडि़ए के अनुसार भी घट स्थापना कर सकते हैं—–
लाभ – सुबह 7: 30 से 9: 00 बजे तक
अमृत – सुबह 9: 00 से 10 : 30 बजे तक
शुभ- दोपहर 12: 00 से 01 : 30 बजे तक
शुक्रवार 23-03-2012 को राहूकाल प्रात 10-30 से 12 बजे तक है इस समय में कोई शुभ काम नही करना चाहिये

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