वास्तु सम्मत आफिस( OFFICE  AS PAR VASTU RULES)—–

वास्तु के दृष्टिकोण से एक अच्छे आफिस में बैठते हुए यह ध्यान रखना जरूरी हैं कि स्वामी की कुर्सी आफिस के दरवाजे के ठिक सामने ना हो । कमर के पीछे ठोस दीवार होनी चाहिए । यह भी ध्यान रखे कि आफिस की कुर्सी पर बैठते समय आपका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा में रहे । आपका टेलिफोन आपके सीधे हाथ की तरफ, दक्षिण या पूर्व दिशा में रहें तथा कम्प्यूटर भी आग्नेय कोण में (सीधे हाथ की तरफ) होना चाहिए । 
इसी प्रकार स्वागत कक्ष (रिसेप्शन) आग्नेय कोण मे होना चाहिए लेकिन स्वागतकर्ता (रिसेप्सनिष्ट) का मुंह उत्तर की ओर होना चाहिए जिससे गलतियां कम होगी । आॅफिस में मंदिर (पूजा स्थल) ईशान कोण में होना चाहिए परन्तु इस स्थान पर एक गमला अवश्य रखें जिससे आॅफिस की शोभा बढ़ेगी। फाॅईल या किताबों की रेक वायव्य या पश्चिम में रखना हितकारी होगा । परन्तु पूरब की तरफ मुंह करके बैठते समय अपने उल्टे हाथ की तरफ ‘‘कैश बाॅक्स‘‘ (धन रखने की जगह) बनाए इससे धनवृृद्धि होगी । उत्तर दिशा में पानी का स्थान बनाए । पश्चिम दिशा में प्रमाण पत्र, शिल्ड व मेडल तथा अन्य प्राप्त पुरस्कार को सजा कर रखें । ऐसा करने से आपका आफिस निश्चित रूप से वास्तु संम्मत कहलाएगा व आपको शांति व संमृद्धि देने के साथ साथ आपकी उन्नति में भी सहायक होगा । 
विभिन्न कार्यालयों हेतु शुभ रंग – —

. किसी डाक्टर के क्लिनिक में स्वयं का चैम्बर सफेद या हल्के हरे रंग का होना चाहिए । 
. किसी वकील का सलाह कक्ष काला, सफेद अथवा नीले रंग का होना चाहिए । 
. किसी चार्टर्ड एकाउन्टेंट का चैम्बर सफेद एवं हल्के पीले रंग का हो सकता हैं । 
4 किसी ऐजन्ट का कार्यालय गहरे हरे रंग का हो सकता हैं । 

जीवन को समृद्धशाली बनाने के लिए व्यवसाय की सफलता महत्वपूर्ण हैं इसके लिए कार्यालय को वास्तु सम्मत बनाने के साथ साथ विभिन्न रंगों का उपयोग लाभदायक सिद्ध हो सकता हैं । 


 पं. दयानन्द शास्त्री 
विनायक वास्तु एस्ट्रो शोध संस्थान ,  
पुराने पावर हाऊस के पास, कसेरा बाजार, 
झालरापाटन सिटी (राजस्थान) 326023
मो0 नं0 ….

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