वास्तु–कुछ महत्वपूर्ण जानकारी और सुझाव—-


बिना सोचे-विचारे मकान बनवाने पर उसमें कई वास्तु दोष आ जाते हैं। जिनका असर हमारे जीवन पर पड़ता है। वास्तु शास्त्रियों के अनुसार कुछ मामूली परिवर्तन कर इन वास्तु दोषों को समाप्त किया जा सकता है। यह उपाय निम्न हैं-
.- यदि आपके घर की छत पर व्यर्थ का सामान पड़ा हो तो उसे वहां से हटा दें। 
.- प्लास्टर आदि उखड़ गया हो तो उसकी तत्काल मरम्मत करवा दें।
.- यदि आपकी रसोई के गेट के ठीक सामने बाथरूम का गेट हो तो यह नकारात्मक ऊर्जा देगा। इस दोष से बचने के लिए बाथरूम तथा रसोई के बीच में एक कपड़े का पर्दा या किसी अन्य प्रकार का पार्टीशन खड़ा कर सकते हैं ताकि रसोई से बाथरूम दिखाई न दे।
4- यदि घर के दरवाजे व खिड़कियां खुलने व बंद होने पर आवाज करते हैं तो उनकी आवश्यक मरम्मत करवाएं।
5- आग्नेय कोण में रसोई न होने पर गैस चूल्हे को रसोई के आग्नेय कोण में रखकर दोष का निवारण कर सकते हैं। और यह भी नहीं सकते तो आग्नेय कोण में एक जीरो वाट का बल्ब जलाकर भी इस दोष से बचा जा सकता है। 
6- यदि ईशान में बोरिंग या अण्डर ग्राउंड टैंक आदि न बनवा सके हों तो ईशान में एक सादा जल लगवा कर दोष का निवारण कर सकते हैं।
7-  यदि भूखण्ड चौकोर नहीं हो तो यह अवश्य देख लें कि लंबाई, चौड़ाई की दुगुनी से अधिक न हो। यदि लंबाई, चौड़ाई से दुगुनी हो तो अतिरिक्त भूभाग पर स्वतंत्र इकाई का निर्माण करवाया जा सकता है।
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घर का वास्तु हमारे जीवन पर व्यापक असर डालता है। वास्तु में की गई छोटी-छोटी गलतियों के कारण कई बार गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। कुछ सामान्य वास्तु नियमों का पालन कर हम वास्तु दोष से होने वाली दुष्प्रभाव से बच सकते हैं। इसके लिए इन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है-
1- जब भी पानी पीएं, अपना मुख उत्तर-पूर्व की ओर रखें।
2- भोजन करते समय थाली दक्षिण-पूर्व की ओर रखें और पूर्वाभिमुख होकर भोजन करें।
3- सोते समय दक्षिण-पश्चिम कोण में दक्षिण की ओर सिरहाना करके सोएं।
4- पूजा करते समय मुख उत्तर-पूर्व या उत्तर-पश्चिम की ओर करके बैठें।
5- उन्नति के लिए लक्ष्मी, गणेश, कुबेर, स्वास्तिक, ऊं आदि मांगलिक चिह्न मुख्यद्वार के ऊपर स्थापित करें।
6- यदि ट्यूबवैल उत्तर-पूर्व में नहीं है तो अवश्य लगवाएं।
7- पूजा स्थल सदैव उत्तर-पूर्व (ईशान) कोण में रखें।
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यूं तो पूर्णत: वास्तु सम्मत भवन बनाना काफी कठिन होता है। भवन बनवाते समय कहीं न कहीं त्रुटि हो ही जाती है। इन समस्याओं का समाधान सामान्य उपाय कर किया जा सकता है जिससे घर में भी सुख-शांति बनी रहती है। यह सामान्य उपाय इस प्रकार हैं-
1- सुख-समृद्धि व मन की प्रसन्नता के लिए बैठक कक्ष में फूलों का गुलदस्ता रखें। शयनकक्ष में खिड़की के पास भी गुलदस्ता रखना चाहिए।
2- घर में कभी भी कंटीली झाडिय़ां या पौधे न रखें। इन्हें लगाने से समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
3- ऐसे पुष्प या पौधे को सजावट में न ले जिससे दूध झरता हो। शुभता की दृष्टि से ये अशुभ होते हैं।
4- शयनकक्ष में झूठे बर्तन नहीं रखना चाहिए। आलस्य के कारण ऐसा करने पर रोग व दरिद्रता आती है।
5- रात में बुरे सपने आते हों तो जल से भरा तांबे का बर्तन सिरहाने रखकर सोएं।
6- यदि गृहस्थ जीवन में समस्याएं हों तो कमरे में शुद्ध घी का दीपक प्रतिदिन जलाना चाहिए।
7- यदि शत्रु पक्ष से पीडि़त हो तो पलंग के नीचे लोहे का दण्ड रखें।
8- पवित्र स्थान या पूजा स्थल ईशान कोण(पूर्व-उत्तर) में ही बनवाएं। इससे घर में सुख-समृद्धि आएगी।
9- टी.वी. या अन्य अग्नि संबंधी उपकरण सदैव आग्नेय कोण में रखें।
1.- शयन कक्ष में नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करें। ऐसा करने से घर में क्लेश होता है। 
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अक्सर देखा जाता है कि कई लोग अपने जीवन में परेशान होते रहते हैं। उन्हे अपनी परेशानियों का कारण नही पता होता है और वो लोग अपनी परेशानियां दूर करने के लिए कई तरह की पूजा पाठ और उपाय करते रहते हैं, लेकिन अपने घर के वास्तु पर ध्यान नही दे पाते हैं। जी हां वास्तु दोष के कारण जीवन परेशानियों से भरा होता है और परेशानियां खत्म नही होती। लेकिन ये कैसे जानें की आपके घर में वास्तु दोष है? हम बता रहें हैं आपको कुछ ऐसे संकेत जिनसे आपको पता चल जाएगा कि आपके घर में वास्तु दोष है या नही।
ऐसे जानें घर में वस्तुदोष है या नहीं-
– अगर परिवार में झगड़ा व कलह होने लग जाए तो समझ लें वास्तु दोष है। 
– वास्तु दोष के कारण घर में फालतू खर्च बढऩे लगता है। 
– आमदनी भी कम हो जाती है। 
– घर का स्वामी आर्थिक रूप से कमजोर हो जाए तो समझें उस घर की वास्तु अनुकूल नहीं है। 
– घर के किसी सदस्य पर कोर्ट केस चल रहा हो और खत्म नही हो रहा हो तो समझ लें वास्तु दोष है।
– घर के सदस्य लगाातार मानसिक तनाव रहे तो समझें की घर में वास्तु दोष है। 
– वास्तु दो होने के कारण घर में बरकत नही रहती।
– घर का पैसा बीमरियों में खर्च होने लगे तो समझना चाहिए वास्तु दोष है।
– परिवार में किसी सदस्य का ऐक्सीडेन्ट होना भी वास्तुदोष का सूचक होता है। 
– अचानक परिवार के सदस्यों को कोई रोग हो जाए और घर रोग खत्म न हो  तो समझें की भवन की वास्तु अनुकूल नहीं।

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