****भगवन नाम में रस********पवन तलहन  **
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लोग कहते हैं , हम थक -हार कर घर आते हैं ! बोतल–आधी बोतल शराब पीकर थकावट उतारते हैं …फिर दूसरे दिन नयादौर नयी बोतल —-फिर शराब —-जो बार-बार थकान उतारने के लिये बार -बार पीनी पड़े एक –इसी शराब का क्या लाभ —जो पियो तो चडे और फिर अतर जाये —फिर थकान —–
पियो वो जो चडे और कभी न कभी उतरे———
प्रभु नाम का रस पियो और सब को पिलाओ, जो सभी थकान को दूर करे –एक बार जो चड जाये फिर कभी न उतरे —–
रामचंद्र रघुनायक जय जय !
दिव्य चाप कर सायक जय जय!!
कृष्णचन्द्र यदुनायक जय जय !
भगवद्गीता-गायक जय जय!
कृष्णा हो रामा गोविन्द माधव ,
विष्णु मुकुंद नरहरि गोपाल लाल!
कृष्णा हो रामा रामा गोविन्द हरि हरि!!
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे!
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे!!
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे!
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे!!
जय विराट जय जगत्पते !
गौरीपति जय रमापते!!
नारायण नारायण जय गोविन्द हरे!
नारायण नारायण जय गोपाल हरे!!
श्याम श्याम राधे राधे, राधे राधे राधे राधे!
राम राम सीते सीते, सीते सीते सीते सीते!!
केशव कलिमलहारी राधेश्याम राधेश्याम!
दशरथ-अजिरबिहारी सीताराम सीताराम!!
जयति शिवा-शिव शंकर हर जय!
महादेव हे शम्भो जय जय!!
जय गिरितनये, नीलकन्ठ जय!
जगदम्बे जय आशुतोष जय!!
महादेव हर हर शंकर जय!
मदनदर्पहर मंगलकर जय!!
अगड़बम अगड़बम बाजे डमरू !
नाचे सदाशिव जगद्गुरु!!

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