***क्या हम जानते हैं?***पवन तलहन **$$$ ज्योतिष#***
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भारतीय ज्योतिष में लग्न और चन्द्र कुण्डली को लेकर ज्योतिषी ज्योतिष करते हैं! और इनके साथ षोडश कुंडलियों का विचार करते हैं! यहाँ तक सब ठीक है! अब प्रश्न यह है कि क्या हम गोचर के ग्रहों का प्रयोग कुण्डली में कैसे किया जाता है, यह पूर्ण रूप से जानते हैं? सभी ज्योतिषी लग्नानुसार और चन्द्र लग्नानुसार ही गोचर के ग्रहों को लेकर फल कहते हैं और इसी सिद्धांत को ही पूर्ण मानते हैं! हमारे ऋषियों ने इस के साथ ओर भी कुछ कहा है! इसके लिए एक गुप्त सिद्धांत भी कहा, जो अपने आप में एक रहस्य है! क्या वह सिद्धांत आप जानते हैं? जिसके न प्रयोग करने पर गोचर ग्रह फल न्याय-असंगत हो जाता है!
१–क्या ज्योतिषी लोग ग्रह परिवर्तन के समय कौन सा लग्न और भाव उदय होगा, यह जानते हैं?
२–उस लग्न और भाव को कैसे जाना जाता है?
३–जीव की जन्म-कुण्डली में ग्रह परिवर्तन [गोचर] का प्रयोग व् फल कैसे जाना जाता है?
४–कौन सा भाव उदय होगा और उसके विशेष फल को कैसे जान पायेंगे?
५–महाभाव-दशा क्या होती है, तथा महादशा कितने प्रकार की और इसके कितने भेद हैं?
६–स्पष्ट भाव और लग्न क्या होगा? {इस को जानने का सिद्धांत}
गुरुदेव नमस्ते।
मैं अजीबोगरीब सपने देखने के आदि हो चुका हूँ, पिछले दो सालों से सपने देखने कम हुए है,पर दो वर्षों पहले तक मानों सपनों में दिन और रात गुजरता था।
खैर आज जो मैंने सपने देखा हूं उसका अर्थ पता नहीं चल पा रहा क्या होगा,बताने का कष्ट करें।
मैंने देखा कि विश्वकर्मा एक मंदिर परिसर कई दिनों से गन्दा पड़ा है।मैने नई झाडू बड़ी सी डंडी लगी,उठाया और साफ करने लगा,उसी दौरान भगवान के नाम पर चढ़ावा सिक्के जो जमीन पर पड़े थे,को उठाता भी जा रहा था,बगल में अचानक एक लोग आया,खुशी से मैंने उन्हें भी सिक्के दिए दो बार।फिर अचानक जान पहचान के दो व्यक्ति मिले और एक अनजान नवविवाहित लड़की। साफ होने के बाद मैने झाड़ू को मंदिर के पीछे चबूतरे पर रख,कुँए यद्धपि वहां नलकूप भी था,पर न जाकर कुँए से अपने हाथ धोना अच्छा समझा नींद खुल गई।
आशा करते है,इस सपने का मूल भाव आप समझ गए होंगे, कृपया बताने की कृपा करें।
धन्यवाद