‎सप्ताह के सात दिनों के सात वार नाम क्रमशः सोम,मंगल,बुध, गुरु,शुक्र,शनी,रवी और इन वारों का अलग अलग महत्व बताया गया है! ऐसी मान्यता है कि मंगलवार और शनीवार श्री हनुमानजी का दिन/वार है इस दिन इनका प्रभाव अधिक रहता है लकिन यह भी सत्य है कि जब भी किसी को कष्ट आता है तो श्री हनुमानजी को याद करतें हैं उस समय दिन/वार कोइ याद नहीं आता है!
हमारे सभी मंदिरों में श्री हनुमानजी का विग्रह(मूर्ति) स्थापित की जाती है!इन्हें कई नामों से पुकारा जाता है और उन नामों में अंजनीनंदन, पवनपुत्र, बजरंगबली, महाबीर, संकटमोचन, बालाजी मुख्य हैं! इनका प्रभाव हर दिन हर समय रहता है !
आईये इसी भाव में श्री हनुमानजी का गुण-गान करें:—
कोइ कहता मंगल,शनिवार तुम्हारा है मै तो कहता हर पल,
हर वार तुम्हारा है जय राम सियाराम,जय राम सियाराम …
तेरे वार के आगे ,क्या वार कोइ करता हो भुत या पिशाच,
तेरे नाम से है डरता महाबीर,बजरंगी जो नाम तुम्हारा है मै तो कहता …..
कोइ कहता मंगल,शनिवार तुम्हारा है मै तो कहता हर पल,
हर वार तुम्हारा है जय राम सियाराम ,जय राम सियाराम …
तूं बल बुधि का दाता,कष्ट सभी हरता मनोकामना पुरी,
भक्तों की तूं करता जो सुमिरे नाम प्रभु का,लगता तुझे प्यारा है मै तो कहता ….
कोइ कहता मंगल,शनिवार तुम्हारा है मै तो कहता हर पल,
हर वार तुम्हारा है जय राम सियाराम ,जय राम सियाराम …
तूं सियाराम दुलारा,भक्तों को लगता प्यारा तेरी शक्ति को सबने ,
मिलकर जो था ललकारा लाँघ गए सागर को ,लंका को जारा है मै तो कहता …..
कोइ कहता मंगल,शनिवार तुम्हारा है मै तो कहता हर पल,
हर वार तुम्हारा है जय राम सियाराम ,जय राम सियाराम …
ओ पवन पुत्र बलकारी ,माता के आज्ञाकारी सुर नर मुनिजन सबने ,
तेरी आरती उतारी ‘टीकम’ संकट मोचन,भव तारण हारा है |मै तो कहता …
कोइ कहता मंगल,शनिवार तुम्हारा है मै तो कहता हर पल,
हर वार तुम्हारा है जय राम सियाराम ,जय राम सियाराम …
जय राम-राम,जय राम-राम,जय राम-राम सियाराम जय राम-राम,
जय राम-राम,जय राम-राम सियाराम
(भजन के भाव:स्वरचित)

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